अब पुलिस राजद विधायक रीतलाल यादव की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से वारंट लेगी, सामने आया असली मामला

पटना
बिल्डर से रंगदारी मांगने और जमीन का फर्जी कागजात बनाने से संबंधित पुख्ता साक्ष्य पटना पुलिस को मिल गए हैं। अब पुलिस राजद विधायक रीतलाल यादव की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से वारंट लेगी। हालांकि, उनके भाई पिंकू यादव, भतीजे धीरज यादव और साझेदार सुनील कुमार उर्फ सुनील महाजन की तलाश तेज कर दी गई है। सूत्रों की मानें तो पुलिस पैसे के लेन-देन का स्रोत पता करने के लिए आयकर विभाग की मदद लेगी। सभी आरोपितों के बैंक खाते और जमीन में निवेश से जुड़े दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है।
 
इसके बाद आरोपितों पर पीएमएलए के तहत मनी लांड्रिंग का मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। साथ ही अपराध से अर्जित की गई संपत्ति को भी जब्त करने की कार्रवाई हो सकती है। दानापुर एएसपी भानु प्रताप सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि खगौल थाने में दर्ज प्राथमिकी में लगे आरोपों को पुष्ट करने के साक्ष्य हाथ लगे हैं। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

कहां गए हथियार, पता लगा रही पुलिस
सूत्र बताते हैं कि विधायक आवास में बिल्डर के साथ हुई बातचीत के अलावा वहां के माहौल की भी जानकारी दी मिली थी। बताया गया था कि जिस वक्त बातचीत हो रही थी और धमकी देकर जबरन चार लाख रुपये वसूले गए थे, उस समय वहां कई लोग मौजूद थे। उन लोगों के पास आधुनिक हथियार थे, जिन्हें देखने से स्पष्ट था कि वे गैर लाइसेंसी हैं। एके सीरिज के हथियारों के बारे में भी सूचना मिली थी। हालांकि, पुलिसिया कार्रवाई की भनक विधायक समेत अन्य आरोपिताें को पहले ही लग गई थी। इस कारण आरोपितों के ठिकानों पर एक भी हथियार नहीं मिला। जबकि, पहले भी गैर लाइसेंसी हथियार रखने पर विधायक के निजी अंगरक्षक, भाई और उनके करीबी लोग जेल जा चुके हैं।

स्टांप और दस्तावेजों की होगी जांच
सूत्रों के मुताबिक, विधायक के घर से बरामद 14 डीड, एग्रीमेंट पेपर, स्टांप आदि जांच के लिए निबंधन कार्यालय में जांच के लिए भेजा जाएगा। कागजात की सत्यता की जांच होने के बाद कई नए तथ्य भी सामने आ सकते हैं। इसके बाद कार्रवाई में पुलिस को मजबूती मिलेगी। संभव है कि कागजात में त्रुटि पाए जाने पर निबंधन कार्यालय की ओर से एक और प्राथमिकी हो सकती है। इसमें कई छिपे चेहरे भी सामने आ सकते हैं।

क्या है मामला
शास्त्री नगर थानांतर्गत पुनाईचक प्रोफेसर कॉलोनी में रहने वाले सह जेनेक्स इको इंफ्रा प्रा. लि. नामक कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक कुमार गौरव ने विधायक रीतलाल यादव समेत चार आरोपितों के विरुद्ध खगौल थाने में प्राथमिकी कराई थी। उन्होंने पुलिस को बताया था कि 2023 में खगौल थानांतर्गत कोथवां में 18 कट्टे का भूखंड लेकर 38 फ्लैट बनाने का काम शुरू किया था।

विधायक के भाई पिंकू यादव ने बिल्डर से मुलाकात की और विधायक का आदेश बताते हुए धमकी दी कि निर्माण सामग्री यथा गिट्टी, बालू, ईंट आदि मुझसे ही लेना होगा। पिंकू कभी सामग्री की बिल नहीं देता था। बिल्डर के हिसाब से 19 लाख रुपये बकाया था, जबकि पिंकू 33 लाख देने का दबाव बना रहा था। पिछले वर्ष दीपावली से पहले विधायक ने बिल्डर को कॉल कर मिलने बुलाया और आवास पर उनसे 50 लाख रंगदारी मांगी गई। जबरन चार लाख रुपये वसूले गए और जान से मारने की धमकी दी जा रही है।

India Edge News Desk

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